हरिहर काका के गाँव में यदि मीडिया की पहुँच होती तो उनकी क्या स्थिति होती? अपने शब्दों में लिखिए।

हरिहर काका के गांव में मीडिया की पहुंच होने पर बात ही कुछ और होती। ऐसा होने पर पहले तो उनके परिवार वाले उनके साथ बुरा व्यवहार करने से डरते क्योंकि उनका काका के साथ इस प्रकार का कृत्य मीडिया समाज के सामने ला सकता था| हम सभी जानते हैं कि मीडिया की पहुंच विश्वव्यापी होती है। मीडिया को लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में भी जनमानस की स्वीकृति मिल चुकी है। निष्पक्ष मीडिया जरूरतमंद लोगों को न्याय दिलाने में अक्सर सफल रहता है। ऐसा इसिलिए होता है क्योंकि मीडिया के पीछे जनमानस की आवाज होती है। इसिलिए काका के गांव में मीडिया के मौजूद रहने पर यह मामला काफी दिनों तक घर की चारदीवारी में छुप कर नहीं रह सकता था। घर का ही कोई व्यक्ति या कोई पडोसी या कोई आगंतुक ही कभी न कभी काका जैसे लोगों के द्वारा उनके ही परिवार द्वारा किये जा रहे बुरे व्यवहार की जानकारी मीडिया को दे देने में अवश्य ही कामयाब हो जाता। ऐसा हो जाने पर मामला फिर पारिवारिक या स्थानीय न होकर बौद्धिक, प्रशासनिक और न्यायिक हो जाता। ऐसी स्थिति में काका को न्याय मिलने में देर नहीं लगती।


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